चिराग ने फिर घेरा नीतीश सरकार को – बिहार में कानून व्यवस्था ICU में

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है — और इस बार माइक संभाला है चिराग पासवान ने, जो अपने ट्वीट्स से पहले भी कई बार नीतीश कुमार की सरकार की नींद उड़ा चुके हैं। लेकिन इस बार मामला कुछ ज़्यादा ही गंभीर और संवेदनशील है।

“एक महीने 13 दिन की खोजबीन और GPS की चुप्पी”

वैशाली की घटना में एक छोटी बच्ची पूरे 1 महीने 13 दिन तक लापता रही — और स्थानीय प्रशासन Sherlock Holmes बनने की बजाय छुट्टी पर लगता है। चिराग पासवान ने सरकार से सीधे सवाल पूछते हुए कहा-“क्या मोबाइल की लोकेशन से बच्ची को नहीं ढूंढा जा सकता था? किसकी जिम्मेदारी थी ये?”

सवाल बड़ा है लेकिन जवाब वही पुराना — “जांच चल रही है।”

“जवाबदेही के बिना सरकार एक WhatsApp ग्रुप सी लगती है”

चिराग ने तीखे अंदाज़ में कहा कि जब तक जिम्मेदारी और जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक बिहार में अपराध ऐसे ही ‘फ्री डाउनलोड’ होते रहेंगे। उन्होंने व्यंग्य कसते हुए यह भी जोड़ा कि- “बिहार की पुलिस अगर चाह ले तो GPS को हरा सकती है… बशर्ते उनकी छुट्टी खत्म हो जाए।”

NDA में रहकर NDA पर सवाल?

हालांकि चिराग पासवान NDA का हिस्सा हैं, लेकिन उनके तीर अकसर उसी गठबंधन पर चल जाते हैं, जिससे वे खुद जुड़े हैं। नीतीश कुमार की सरकार पर लगातार हमले इस बात का संकेत हैं कि गठबंधन की बुनियाद GPS की तरह है — मौजूद है, पर कभी-कभी सिग्नल नहीं आता।

आखिरी में सवाल जनता से: “कानून व्यवस्था सुधरेगी या ट्रेंडिंग हैशटैग्स ही बने रहेंगे?”

बिहार की जनता हर रोज़ हेडलाइन बनते सिस्टम को देखती है, और नेताओं की बयानबाज़ी में फंसी रहती है। पर क्या कभी किसी बयान से सच में सुधार आएगा?

या फिर, अगली बार कोई और बच्ची, कोई और बयान और एक नया #ट्रेंडिंग_हैशटैग?

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